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जौनपुर:बिना बायोप्सी के खून की जांच द्वारा प्रारंभिक अवस्था में ही कैंसर की जांच संभव: डॉ.कमलेश गिडवानी

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डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीकी सह-संपादक,उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक,जौनपुर ( उत्तर प्रदेश )
रियाजुल हक़ ब्यूरो

 

जौनपुर:बिना बायोप्सी के खून की जांच द्वारा प्रारंभिक अवस्था में ही कैंसर की जांच संभव: डॉ.कमलेश गिडवानी

जौनपुर(उत्तरशक्ति)।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में विज्ञान संकाय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग द्वारा अपने पहले बैच के प्रतिभाशाली पूर्व छात्र डॉ. कमलेश गिडवानी का आमंत्रित व्याख्यान आयोजित किया गया। वर्तमान में रेडियोमीटर टुर्कू, फिनलैंड में सीनियर आर एंड डी स्पेशलिस्ट के पद पर कार्यरत डॉ. गिडवानी ने नैनोपार्टिकल आधारित कैंसर-विशिष्ट डायग्नोस्टिक एसे विकास विषय पर एक अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक व्याख्यान प्रस्तुत किया। व्याख्यान में डॉ. गिडवानी ने बताया कि कैसे अत्याधुनिक नैनोटेक्नोलॉजी का प्रयोग कर कैंसर की शीघ्र पहचान के लिए संवेदनशील और विशिष्ट निदान विधियाँ विकसित की जा रही हैं। उन्होंने कैंसर-विशिष्ट ग्लाइकोवेरिएंट एसे के महत्व और इसके उपयोग पर भी विस्तार से चर्चा की। डॉ. गिडवानी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से इम्यूनोएपिडेमियोलॉजी विषय में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की, इसके अतिरिक्त, उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, भारत में सीनियर रिसर्च ऑफिसर के रूप में भी कार्य किया। वर्तमान में डॉ. गिडवानी रेडियोमीटर में कार्य करने के साथ-साथ, डॉ. गिडवानी ने यूनिवर्सिटी ऑफ टुर्कू में अनुबंध प्रोफेसर और इनफ्लेम्स फ्लैगशिप/इम्युनोडायग्नोस्टिक्स कार्यक्रम में ग्रुप लीडर के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी हैं। संकायाध्यक्ष प्रो राजेश शर्मा ने डॉ. गिडवानी का स्वागत करते हुए उनके उत्कृष्ट अनुसंधान कार्यों पर गर्व व्यक्त किया और उन्हें वर्तमान विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बताया ,माइक्रोबायोलॉजी बिभाग के शिक्षक डॉ.ऋषि श्रीवास्तव ने डॉ. गिडवानी द्वारा विकसित ब्लड की जाँच से कैंसर की पहचान की तकनीक को कैंसर के अर्ली डिटेक्शन हेतु महत्वपूर्ण बताया। डॉ.मनीष कुमार गुप्ता ने इस आयोजन को विभाग और पूर्व छात्रों के बीच अकादमिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।जो भविष्य में विश्वविद्यालय के छात्रों को वैश्विक स्तर की वैज्ञानिक उपलब्धियों से रूबरू करने में सहायक होगा । डॉ. गिडवानी ने भी अपने विश्वविद्यालय के दिनों को याद करते हुए छात्रों को शोध के प्रति लगन और धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा दी। उक्त व्याख्यान में डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ.विवेक कुमार पाण्डेय, डॉ.सिपाही लाल डॉ. प्रतिमा श्रीवास्तव, डॉ .इशानी भारती, डॉ. श्वेता सोनम, डॉ.अवधेश कुमार तथा विज्ञानं संकाय के स्टूडेंट्स उपस्थित रहे I कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने डॉ. गिडवानी से कई प्रश्न पूछे और अंतरराष्ट्रीय शोध अवसरों, डायग्नोस्टिक और बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्रों में करियर विकल्पों तथा बहुविषयी दृष्टिकोण के महत्व पर चर्चा की।

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