
बढ़ती ठंड में रखें अपनी सेहत का खास ध्यान .डॉक्टर मोहम्मद कामिल
बढ़ती ठंड में रखें अपनी सेहत का खास ध्यान .डॉक्टर मोहम्मद कामिल
डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीक़ी सह-सम्पादक जौनपुर, लखनऊ(उत्तर प्रदेश)
रियाजुल हक ज़िला क्राइम रिपोर्टर
जौनपुर (उत्तर शक्ति) मौसम के अनुसार मनुष्य को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. बढ़ती ठंड हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि तमाम बीमारियां ठंड में प्रभाव दिखाना शुरू कर देती हैं.ठंड के मौसम में होने वाली बीमारियों के बारे में डॉक्टर मोहम्मद कामिल राष्ट्रीय मुख्य पर्यवेक्षक डीके फाउंडेशन ऑफ फ्रीडम एंड जस्टिस ह्यूमन राइट्स प्रोटक्शन ने बताया कि इसका मुख्य कारण तापमान कम और हवा में नमी का होना है।
इसमें मरीज को सिरदर्द, थकान, बुखार होने के साथ ही नाक में स्राव होता है. गले में खसरा तो सर्दियों में आम बात है जो महज वायरस से होने वाली बीमारी है डॉ. ने कहा कि ठंड में दमा का अटैक बढ़ जाता है, क्योंकि गले में ठंड लग जाती है, जिसके प्रभाव से सांस की नली सिकुड़ जाती है और मरीज की सांस फूलने लगती है. कोल्ड डायरिया के बारे में उन्होंने बताया कि इसके लगने से उल्टी व दस्त होती है
ठंडी में जोड़ों का दर्द होना तय है, क्योंकि इस मौसम में व्यायाम करना लोग कम कर देते हैं.उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि खून की नलियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है. कोल्ड हैंड नामक बीमारी के बारे बताया कि इसको रेनाड फिनामेना भी कहते है इस बीमारी का कारण है- हाथ-पैर की अंगुलियों में खून का संचार कम होना।
इन बीमारियों से बचने का उपाय बताते हुए उन्होंने कहा कि गर्म कपड़े पहने जाए, पैर, नाक व कान को ढककर रखें, सफाई पर विशेष ध्यान दें,डिस्पोजल सामान का प्रयोग करें, विटामिन ‘सी’ युक्त फल सहित जूस, पानी, सूप का ज्यादा प्रयोग करें.उन्होंने सलाह दी कि हार्ट के मरीज अपनी दवाएं नियमित लें तथा सांस के पुराने रोगी टीकाकरण अपने चिकित्सक के सलाह से कराएं
रोग से बचाव के उपाय बताते हुए डॉ. कामिल ने कहा कि तले-भूने व ज्यादा मसालेदार चीजें न खाएं, धूम्रपान का सेवन एकदम न करें, एलर्जिक मरीज बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें तथा दमा व एलर्जी के मरीज एसी व ठंडे पानी से बचें.