
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-1929 यथा संशोधित 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह करना /कराना, कानूनी अपराध है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-1929 यथा संशोधित 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह करना/कराना, कानूनी अपराध है।
डॉ.इम्तियाज़ अहमद सिद्दीक़ी ब्यूरो चीफ़
जौनपुर(उत्तर शक्ति)
जौनपुरी (उत्तर शक्ति)उ0प्र0 सरकार के निर्देशानुसार बालकों/बालिकाओं के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुये जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला बाल संरक्षण अधिकारी जौनपुर द्वारा जनपद के समस्त प्रबुद्धजनों से अपील किया है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-1929 यथा संशोधित 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह करना/कराना, कानूनी अपराध है।
प्रायः यह देखा जाता है कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह कराये जाने की कुप्रथा रही है। वर्तमान में 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया/अख्खा तीज निर्धारित है। बाल विवाह समाज व उस व्यक्ति के लिये जिसका बाल विवाह हो रहा है एक अभिशाप है। यह गरीबी के दुष्चक्र को बनाये रखने में मदद करता है। यदि कोई भी व्यक्ति/संस्था जिसको बाल विवाह के सम्पन्न होने की जानकारी या वाजीब शंका हो वह अपने इलाके के पुलिस थाना, श्री बिजय कुमार पाण्डेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी, मो0नं0-7518024045, चन्दन राय, बाल संरक्षण अधिकारी, मो0नं0-8115066215, अशोक कुमार मिश्र, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, जौनपुर मो0नं0-9792636278 के साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन नं0-1098, इमरजेन्सी हेल्पलाइन नं0-112, महिला हेल्पलाइन नं0-181 और जिला मजिस्ट्रेट जौनपुर को लिखित या मौखिक रूप से सूचित कर सकते हैं। वह लड़की जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण न की हो एवं वह लड़का जिसने 21 वर्ष की आयु पूर्ण न किया हो और यदि वे शादी करते हैं तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत कानूनी अपराध है। ऐसे विवाह करवाने वाले व्यक्तियों जैसे पण्डित, मौलवी, पादरी, नाई, कहार, बैण्डबाजा, हलवाई, टेन्ट वाला व्यक्ति, पिता एवं रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि उक्त कानून के धारा 10 के अन्तर्गत बाल विवाह को सहमति देना, बढावा देना या शामिल होना उक्त कानून के धारा 11 के अन्तर्गत दण्ड 2 साल तक का कठोर कारावास/एक लाख जुर्माना या दोनो का प्रावधान है।