
ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर
ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर
डॉ.इम्तियाज़ अहमद सिद्दीक़ी ब्यूरो चीफ़
जौनपुर(उत्तर शक्ति)
जौनपुर (उत्तर शक्ति) जिले के विभिन्न विकास क्षेत्र में ओडीएफ घोषित होने के बाद भी ग्रामीण खुले में षौच के लिए जा रहे है। सिंगरामऊ मेंस्वच्छ भारत मिशन के तहत घोषित की गई ओडीएफ पंचायतों में रहने वाले लोग आज भी खुले में शौच जा रहे हैं। वजह यह है कि इन पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से शौचालय बनवाए गए हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत घोषित की गई ओडीएफ पंचायतों में रहने वाले लोग आज भी खुले में शौच करने को मजबूर है। ज्ञात हो कि, स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में स्वच्छता परिसर बनवाए गए हैं।
इसके अलावा हर घर में शौचालय निर्माण कराने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश गांव में इन शौचालयों का उपयोग ही नहीं हो रहा है। जिस वजह से ग्रामीण आज भी खुले में शौच करने जा रहे हैं। लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए स्वच्छता परिसरों का लाभ ग्रामीणों को अब तक नहीं मिला है। ग्राम पंचायतों में बनाए जा रहे शौचालयों की स्थिति यह है कि, कहीं ये अधूरे पड़े हैं तो कहीं अनुपयोगी। शौचालयों के बाहर दिखाने के लिए रंग- रोगन किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सौचालय पर सफाई कर्मचारी की व्यस्था है वह वेतन भी ले रहा है परंतु शौचालय का ताला नहीं खुलता यही वजह है कि लाखों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुए स्वच्छता परिसरों पर ताले लटके हैं।स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर में घर में शौचालय बनाए गए हैं, प्रशासन ने कई पंचायतों में शौचालय पूरे बनना बताकर उन्हे ओडीएफ पंचायत घोषित कर दिया। लेकिन हकीकत में जिन पंचायतों में ओडीएफ घोषित किया गया था, उनमें ही लोग सबसे से ज्यादा में खुले में शौच करने जाते दिखाई दे रहे हैं।जिम्मेदार अधिकारी स्वच्छता परिसरों को लेकर अनदेखी कर रहे हैं। अगर देखा जाए तो कुछ जगह इनका निर्माण व्यवस्थित तो कुछ जगह निर्माण में लापरवाही की जा रही है।
इनकी गुणवत्ता पर भी जवाबदारों का ध्यान नहीं है। कुछ जगह तो अधूरे शौचालय पर ही कलर कर दिया गया है। बाहर से निर्माण पूरा होने का दिखावा किया जा रहा है। जबकि परिसर के अंदर दरवाजे और प्लास्टर का काम सहित अन्य काम अधूरे देखे जा सकते हैं। बदलापुर तहसील के सिंगरामऊ क्षेत्र के विभिन्न गांव में बंद पड़े है ग्रामीणों का कहना है कि सामुदायिक शौचालय जबकि शौचालय पर स्वच्छता अभियान के लिए एक सफाई कर्मी को भुगतान भी किया जाता है। बछुआर, हरिहरपुर, कुधुआ, सिघावाल, सिंगरामऊ, बरईया, मिश्रौली, में शौचालय बंद पड़ा मिला।