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शाहगंज,जौनपुर: लापरवाही या गलतफहमी ,नवजात की मौत पर उठा विवाद, दोनों पक्षों के बयान आए सामने

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शाहगंज,जौनपुर: लापरवाही या गलतफहमी ,नवजात की मौत पर उठा विवाद, दोनों पक्षों के बयान आए सामने

ज़िंदा हालत में बच्चे को किया गया था रेफर, परिजनों की लापरवाही से गयी जान-डॉ. महफ़ूज

शाहगंज,जौनपुर ( उत्तरशक्ति) l नगर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर एक डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते एक नवजात की मौत का जिम्मेदार बताया गया। और इसकी शिकायत जिलाधिकारी जौनपुर से भी गयी है। जानकारी आजमगढ़ जनपद के फूलपुर थाना क्षेत्र के ग्राम शेखपुर पिपरी की रहने वाली किरन यादव, पुत्री लालमन यादव, ने नगर के आज़मगढ़ रोड स्थित चाइल्ड केयर हास्पिटल के डॉ. महफूज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर ने उनके भतीजे को गलत इंजेक्शन लगाकर उसकी जान ले ली।

किरन यादव ने जिलाधिकारी जौनपुर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को प्रार्थना पत्र देकर मामले में कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।

किरन यादव की बहन प्रियंका यादव ने बीते 17 अक्तूबर 2025 को सरकारी अस्पताल फूलपुर (आजमगढ़) में एक बच्चे को जन्म दिया था।

परिवारजन बच्चे को यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसने जन्म के दौरान कचरा (म्यूकस) न पी लिया हो ।इस शंका को दूर करने के लिए नगर के आज़मगढ़ रोड स्थित डॉ. महफूज के अस्पताल पर लेकर पहुँचे। डॉक्टर ने बच्चे की जांच की और कहा कि बच्चे को निमोनिया है, इसलिए दो दिन के लिए भर्ती करना होगा।

किरन यादव ने डॉक्टर पर लगाया गम्भीर आरोप

डॉ. महफूज ने एक इंजेक्शन लगाया, और कुछ ही मिनटों में बच्चे की हालत बिगड़ने लगी

हमने डॉक्टर से कहा कि कुछ गड़बड़ हो गई है, लेकिन उन्होंने कहा कि ये सामान्य प्रतिक्रिया है और बच्चे को आईसीयू में रख लिया गया।”

नवजात की चाची ने किरण यादव ने क्या कहा

19 अक्तूबर 2025 को जब परिजनों को बच्चे की हालत पर शक हुआ, तो वे उसे लेकर दूसरे अस्पताल पहुँचे। वहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा पहले ही मृत हो चुका है।

डॉक्टर ने आरोपों को बताया बेबुनियाद कहा परिजन की लापरवाही से बच्चे की जान गई।

इस सम्बंध में जब बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महफ़ूज से बात की गई थी तो उन्होंने कहा की बीते शुक्रवार की शाम को आया था।बच्चा पैदा होने के बाद रोया नही था।जिसने कचरा मेडिकल की भाषा मे

मीकोनियम कहा जाता है पी लिया था।शरीर ठंडा पड़ चुका था।चेक करने पर आक्सीजन भी कम था।परिजनों से कन्सल्ट लेने के बाद बच्चे को वेंटिलर पर डाला गया।जिसके बाद बच्चे का आक्सीजन लेबल और सीपी बहुत हद तक नार्मल हुआ।इसके बाद स्थिति दूसरे दिन सुबह तक बनी रही।मगर फिर अचानक स्थिति कुछ बिगड़ने लगी ।जिसे परिजनों को बताया गया की आक्सीजन अगर ड्रॉप हुआ तो तबियत बिगड़ सकती है।एक सवाल के सवाल में डॉक्टर महफ़ूज ने कहा की बच्चे को मैकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम नामक बीमारी थी।ये एक ऐसी बीमारी है जिसमे सिल्डेना नामक इंजेक्शन दिया था।आरोपों पर डॉक्टर महफ़ूज ने कहा की दूसरे दिन जब बच्चे की तबियत में सुधार नही हो रहा था तो साथ मे आये परिजनों को बताता गया था की हालत में सुधार नही हो रही है आप बच्चे को आगे किसी और अस्पताल ले जाएं।मगर परिजन बहस करने लगे और अस्पताल में हंगामा भी किये मौके पर पहुंची पुलिस को भी बच्चे को दिखाया गया था।बच्चा जीवित था।आगे इलाज जारी करने में परिजन किसी स्टाफ यहां तक की हमको भी नही देखने दिए।उसके बाद परिजनों ने डॉक्टर एसएल गुप्ता के यहां गए तब भी बच्चा जीवित था।डॉक्टर एसएल गुप्ता के पास सुविधा न होने के कारण आगे रेफर कर दिया।

मौत का कारण पूछने पर डॉक्टर एसएल गुप्ता ने कहा की मौत का कारण परिजन है हमने सही समय पर तबियत बिगड़ने की बात कही थी।और आगे ले जाने की सलाह दिया था।मगर परिजन गलत इंजेक्शन लगाने के आरोप को लेकर अड़े रहे।जिससे सही जगह पहुंचने में देरी हुई।

 

 

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