
जौनपुर:शिराज़-ए-हिन्द जौनपुर की सरज़मीं हमेशा से इल्म-ओ-अदब, मोहब्बत-ओ-आमान गंगा-जमुनी तहज़ीब की नायाब मिसाल रही है:शाहनवाज मंजूर सभासद रौजा अर्जन
जौनपुर:शिराज़-ए-हिन्द जौनपुर की सरज़मीं हमेशा से इल्म-ओ-अदब, मोहब्बत-ओ-आमान गंगा-जमुनी तहज़ीब की नायाब मिसाल रही है:शाहनवाज मंजूर सभासद रौजा अर्जन
जौनपुर (उत्तरशक्ति)। शिराज़-ए-हिन्द जौनपुर की सरज़मीं हमेशा से इल्म-ओ-अदब, मोहब्बत-ओ-आमान और गंगा-जमुनी तहज़ीब की नायाब मिसाल रही है। इस ऐतिहासिक सरज़मी ने हर दौर में ऐसे ऐसे अनमोल हीरे पैदा किए जिन्होंने न सिर्फ़ मुल्क बल्कि पूरी दुनिया में जौनपुर का नाम रोशन किया। यही शहर है जहाँ इंसानियत की ख़ुशबू, मोहब्बत का पैग़ाम और क़ौमी यकजहती की रूहानी झलक हमेशा से मौजूद रही। इसी कड़ी में एक बेहद अज़ीम, मौतबर और मक़बूल नाम है । डॉक्टर अब्दुल क़ादिर ख़ान प्राचार्य मोहम्मद हसन डिग्री कॉलेज, जौनपुर । आप सिर्फ़ एक आलिम-ए-दानिशवर या तालीमी शख़्सियत नहीं, बल्कि इंसानियत के सच्चे पैरोकार और समाज की नफ़्सानी तक़लीफ़ों के मरहम हैं। तालीम के मैदान में आपकी ख़िदमात ने पूर्वांचल को नई बुलंदियों पर पहुँचा दिया।बे-सहारा और ग़रीब तबक़े के लिए आपकी रहमत-ओ-शफ़क़त, हर ख़ुशी-ग़म में लोगों के साथ शरीक होना और उनके दुख-दर्द को अपना दर्द समझना ,यह सब आपकी इंसानी अज़मत की रोशन मिसाल है। सच तो यह है कि डॉक्टर क़ादिर साहब का नाम सिर्फ़ जौनपुर ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश (पूर्वांचल) की तालीमी दुनिया में एक रौशन चराग़ की तरह है।लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि हमेशा माहौल खराब करने वाला विवादों में घिरा रहने वाला पर्दे के पीछे बैठा एक शख्स जलसा जुलूस और सीरत के असल पैग़ाम को बदनाम करने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहा है।यहां तक की अपने ज़ाती मफ़ाद और अना के नशे में आपस में इख्तेलाफ पैदा करने के लिए, लोगों के दरमियान नफरत की दीवार खड़ा करने के लिए, वो डॉक्टर साहब के पाक नाम का सहारा लेकर इलाके के लोगों में ख़लफ़-ओ-शर फैलाने की नापाक साज़िश कर रहा है, और डॉक्टर क़ादिर साहब जैसी अज़ीम शख्सियत के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहा है।