
जौनपुर:रिज़वी लर्नर्स फाउंडेशन डे के अवसर पर स्कूल के विद्यार्थियों ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के साथ बाँटा अपनापन
डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीकी सह-संपादक,उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक,जौनपुर( उत्तर प्रदेश )
रियाजुल हक़ ब्यूरो
जौनपुर:रिज़वी लर्नर्स फाउंडेशन डे के अवसर पर स्कूल के विद्यार्थियों ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के साथ बाँटा अपनापन
जौनपुर(उत्तरशक्ति)। शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होती, वह जीवन के मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं को भी समेटे होती है। इस बात को चरितार्थ किया डॉ. रिजवी लर्नर्स अकैडमी विद्यालय के छात्रों ने, जिन्होंने अपने संस्थापक व अध्यक्ष डॉ. अख्तर हसन रिजवी के जन्मदिवस को अनोखे अंदाज में सेवा और समर्पण के रूप में मनाया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. रूचि शर्मा के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने शहर के ओल्ड ऐज होम (वृद्धाश्रम) का दौरा किया। वहाँ उन्होंने बुजुर्गों के साथ समय बिताया। उन्हें उपहार भेंट किए और उनके चेहरे पर मुस्कान लाकर मानो जन्मदिवस की सबसे सुंदर आकृति अर्पित की। बच्चों ने न सिर्फ बुजुर्गों की बातें सुनीं, बल्कि उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त किया। इस अवसर पर शिक्षकों ने बच्चों से यह भावुक वादा भी लिया कि वे अपने माता-पिता और दादा-दादी की सेवा को जीवन का धर्म मानेंगे।
कार्यक्रम का दूसरा पड़ाव रहा रचना विशेष विद्यालय जहाँ छात्रों ने दिव्यांग बच्चों के साथ मिलकर स्नेह और समर्पण की मिसाल कायम की। खेल, बातचीत, हँसी और गीतों के साथ बच्चों ने दिखाया कि दिलों को छूने के लिए शब्द नहीं, भावना चाहिए।
विद्यालय के प्रबंधक कर्रार हुसैन रिजवी (राशिद ) ने कहा, डॉ.रिजवी का जीवन समाज के वंचित वर्गों के लिए समर्पित रहा है। बच्चों द्वारा उनकी सोच को कर्म में बदलते देखना उनके लिए गर्व की बात है।
डॉ. रूचि शर्मा ने कहा कि, हमारे फाउंडर का सपना था कि हमारे विद्यार्थी केवल अच्छे छात्र ही नहीं, अच्छे इंसान भी बनें। आज उन्होंने इस सपने को साकार किया है।
शिक्षकों ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए यह भावुक संदेश दिया कि जिस घर में बुजुर्गों की सेवा होती है, वहां ईश्वर स्वयं निवास करते हैं।
डॉ. अख्तर हसन रिजवी ने भी कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त कर अत्यंत प्रसन्नता प्रकट की और कहा कि “मुझे अपने विद्यालय के छात्रों पर गर्व है, जिन्होंने आज मानवता का सबसे सुंदर पाठ पढ़ा।”
इस पूरे आयोजन ने सिद्ध कर दिया कि जन्मदिवस केवल मोमबत्तियाँ और केक तक सीमित नहीं है, बल्कि वह एक अवसर है किसी के जीवन में रोशनी भरने का सभी को अपने जन्मदिवस पर सेवा भाव का कार्य करना चाहिए।