
जौनपुर:जनसुनवाई के दौरान 18 महिलाओं ने अपनी-अपनी समस्याएं सदस्य के समक्ष रखी
डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीकी सह-संपादक,उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक,जौनपुर ( उत्तर प्रदेश )
रियाजुल हक़ ब्यूरो
जौनपुर (उत्तरशक्ति)।उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग लखनऊ की सदस्य गीता बिन्द द्वारा जनपद में महिला उत्पीड़न की रोकथाम एवं पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाए जाने तथा आवेदक, आवेदिकाओं की सुगमता की दृष्टि से निरीक्षण भवन जौनपुर में महिला जनसुनवाई एवं समीक्षा बैठक किया गया। उक्त जनसुनवाई के दौरान 18 महिलाओं ने अपनी-अपनी समस्याएं सदस्य के समक्ष रखी और सदस्य द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवेदन पत्रों पर त्वरित रूप से जांच या आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया। तत्पश्चात सदस्य गीता बिन्द द्वारा जनपद स्तरीय अधिकारियों से उनके विभाग से संबंधित महिलाओं की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली गई और कैसे जनपद की महिलाओं को लाभान्वित किया जा सकता है उसके बारे में एक विस्तृत रूप-रेखा तैयार की गई।समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० राजीव यादव, उपयुक्त स्वत: रोजगार ओम प्रकाश यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी नीरज पटेल, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी नरेंद्र विश्वकर्मा, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी दिव्या शुक्ला, जिला पूर्ति अधिकारी, सहायक खंड शिक्षा अधिकारी नगर एवं जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, बाल विकास परियोजना अधिकारी करंजाकला अभिषेक द्विवेदी, महिला थानाध्यक्ष श्याम तिवारी, महिला एवं बाल सहायता प्रकोष्ठ की इंस्पेक्टर अनीता सिंह एवं उपनिरीक्षक पुष्पा कुमारी, थाना कोतवाली से उप निरीक्षक आरती सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय सहित अन्य ने प्रतिभाग किया। इसके पश्चात सदस्य बिंद द्वारा जिला महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में ऑपरेशन के बाद दाखिल महिलाओं के बेड शीट गंदे पाए गए, जिस पर मा० सदस्य द्वारा नाराजगी प्रकट की गई। जिला महिला चिकित्सालय के हेल्पडेस्क के मैनेजर सूर्य प्रताप उपस्थिति बनाकर चिकित्सालय से अनुपस्थित मिले, जिस पर माननीय सदस्य जी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महेंद्र गुप्ता को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया, साथ ही निर्देशित किया गया कि अस्पताल में आने वाली महिलाओं के साथ जिला महिला चिकित्सालय के कर्मचारी और डॉक्टर उचित और मर्यादित व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि बाहर की दवाएं न लिखी जाएं।