
अहमदाबाद के चंडोला तालाब पर अवैध कब्जा करने वाले लाला बिहारी उर्फ महबूब पठान के साम्राज्य को बुलडोजर से ध्वस्त
अहमदाबाद। अहमदाबाद शहर के मध्य में स्थित एक प्राचीन तालाब पर कब्जा कर लाला बिहारी उर्फ महबूब पठान काले धंधे का अड्डा बना चुका था। मंगलवार को चले बड़े अतिक्रमण रोधी अभियान में अब उसके पूरे साम्राज्य को बुलडोजर से ध्वस्त किया जा चुका है। लेकिन इतने लंबे समय से शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर वह यहां से एक साथ तमाम अवैध गतिविधियों को संचालित करता रहा, यह भी एक सच्चाई है।
बताया जा रहा है कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को यहां शरण देकर ड्रग्स की तस्करी और देह व्यापार में धकेल देता था। इस काम में बांग्लादेश के उसके एजेंट मदद करते थे। कब्जा की गई जमीन पर उसने बड़ी संख्या में झुग्गी- झोपड़ी और अस्थाई घरों का निर्माण कर रखा था। वह इसमें शरण देने के बदले में अवैध काम कराने के साथ ही किराया भी वसूलता था। एक तरह से वह बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ ही बाहर से आए अन्य मुस्लिम परिवारों की सुरक्षा की गारंटी बन गया था।
बताया जा रहा है कि कई आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल भी यहां शरण लेते थे। मूलरूप से वह राजस्थान के अजमेर का रहने वाला है। वह 2003 में गुजरात आया था। लाला बिहारी के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने चंडोला तालाब को मिट्टी व मलबे से भरवाकर बीचों बीच अपना 2000 वर्ग गज का आलीशान फार्म हाउस बनवा लिया था। अपनी काली कमाई का साम्राज्य खड़ा करने वाला लाला बिहारी 2019 में सीएए व एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था।
बताया जा रहा है कि कई आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल भी यहां शरण लेते थे। मूलरूप से वह राजस्थान के अजमेर का रहने वाला है। वह 2003 में गुजरात आया था। लाला बिहारी के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने चंडोला तालाब को मिट्टी व मलबे से भरवाकर बीचों बीच अपना 2000 वर्ग गज का आलीशान फार्म हाउस बनवा लिया था। अपनी काली कमाई का साम्राज्य खड़ा करने वाला लाला बिहारी 2019 में सीएए व एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था।
पुलिस ने उस समय उसे गिरफ्तार किया था। बाद में वह पैरोल पर बाहर आकर फरार हो गया था। अहमदाबाद के ईसनपुर इलाके में लाला बिहारी आतंक का दूसरा नाम था। वह आटो को किराये पर देने के अलावा निजी पार्किंग स्टैंड, दुकानें और मकान किराये पर देकर मोटी रकम वसूलता था।
लाला बिहारी के कनेक्शन बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक थे। एजेंटों के जरिये वह वहां के गरीब लड़के-लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर अपने पास बुला लेता था। कुछ दिन छोटे-मोटे काम दिलाता। इसके बाद किराया लेकर वह झुग्गी-झोपडि़यों में उन्हें शरण दे देता था। थोड़े समय रहने के बाद फर्जी इस्तावेजों के जरिये वह इन घुसपैठियों के राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि बनवा देता था। करीब दो सौ युवकों को आटो दिलाकर उनसे किराया सूलता था। कई महिलाओं को वह देह व्यापार में धकेल चुका था।
अहमदाबाद महानगर में स्थित चंडोला तालाब क्षेत्र में बनाए गए करीब चार हजार अवैध निर्माणों को ढहा दिया गया। शहर पुलिस व महानगरपालिका की टीमें लगातार दूसरे दिन बुधवार को अतिक्रमण हटाने के काम में जुटी रहीं। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कैबिनेट की बैठक के बाद चंडोला तालाब जाकर इस अभियान का जायजा लिया। इस क्षेत्र से 3000 झोपड़ी, कच्चे घर तथा एक हजार पक्के मकानों को ढहाकर करीब डेढ़ लाख वर्ग मीटर जमीन को खाली कराया गया।