
शाहगंज पांच वर्ष की मासूम बच्चियों ने रखा रोज़ा, कहा अल्लाह सबाब देगा
डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीक़ी सह-सम्पादक जौनपुर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
रियाजुल हक ब्यूरों
शाहगंज पांच वर्ष की मासूम बच्चियों ने रखा रोज़ा, कहा अल्लाह सबाब देगाशाहगंज(जौनपुर)मुस्लिम समाज के चल रहे पवित्र माह रमज़ान में ऐसी खबरें आती रहती हैं जो सोचने पर विवश कर देती हैं की धर्म ही एक ऐसा है जो इंसान और ईश्वर को जोड़े रखता है।ऊर्जा देता है, ताकत देता है।और बात रमज़ान की हो तो बात ही कुछ अलग हो जाती है।आज पूरी दुनियां में मुस्लिम समाज रमज़ान के रोजे रख अपने नफ़्स पर काबू और इस महीने की फ़ज़ीलत का लाभ लेने को उतावला रहता है।चाहे बच्चें हो, जवान हो, बूढ़े हो सब के सब अल्लाह की इबादत में लगे हैं।इसी तरह तरह तहसील क्षेत्र के ग्राम जैगहा निवासी दिलशाद अहमद की पाँच वर्षीय पुत्री माहिरा और शाहगंज नगर के मोहल्ला शाहपन्जा निवासी दिलशाद मंसूरी की छह वर्षीय पुत्री आयत ने रोजे रख कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।सबने कहा की खाना खा लो मगर दोनों मासूम के इरादे इतने नेक और मजबूत थे की गर्मी और भूख इनके हौसले के सामने नही टिक पाए जिसकी चर्चा चहुओर हो रही है।




