
पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे मोहम्मद मुस्तफा
पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे मोहम्मद मुस्तफा
सेंट्रल सीरत कमेटी की ओर से आयोजित जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी महफिले मिलाद में अमन चैन के लिए की गई दुआ
जौनपुर(उत्तरशक्ति)सेंट्रल सीरत कमेटी जौनपुर की ओर से रविवार को कोतवाली चौराहे पर आयोजित जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी महफिले मिलाद में यह संदेश साफ तौर पर दिखाई दिया कि इंसानियत और मोहब्बत की ताकतें नफरत को हराने के लिए अभी भी मजबूत हैं।
सेंट्रल सीरत कमेटी के संस्थापक असलम शेर खान ने हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जीवन पर रोशनी डालते हुए कहा, “मोहम्मद मुस्तफा सिर्फ एक कौम या धर्म के लिए नहीं आए थे, बल्कि पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे।” इस जलसे का मकसद साफ था—इंसानियत का पैगाम देना और नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ मोहब्बत और भाईचारे की दीवार खड़ी करना।मौलाना हनीफ उल कादरी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अनुयायी हमेशा अच्छाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलें।और समाज में अशांति फैलाने वालों का साथ न दें। हमारे नबी का पैगाम मोहब्बत और अमन का है।उन्होंने कहा।
इस महफिल में हर मजहब और जाति के लोग शामिल हुए, जिसमें एकता और सामूहिक शांति की भावना ने पूरे माहौल को चार चांद लगा दिए। पूर्व विधायक लाल बहादुर यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राज बहादुर यादव,डॉ. सरफराज अहमद,अध्यक्ष नगर पंचायत काजगांव फिरोज अहमद खान, मरकजी सीरत कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरशद कुरैशी,सपा के जिला उपाध्यक्ष शकील अहमद,इरशाद मंसूरी,सेंट्रल सीरत कमेटी के अध्यक्ष जावेद अजीम खान,शकील मंसूरी, उपाध्यक्ष शकील मुमताज,सचिव मोहम्मद जुमेराती,अमजद अंसारी,सलीम मंसूरी, बिट्टू मुमताज,रियाज अहमद गुड्डू समेत कई अन्य प्रतिष्ठित लोग इस मौके पर मौजूद रहे।
सेंट्रल सीरत कमेटी का यह कार्यक्रम न सिर्फ जौनपुर बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है कि नफरत की राजनीति के सामने मोहब्बत जब और इंसानियत की रोशनी कभी धुंधली नहीं होगी।