
मोक्ष के लिए बना काशी का वैद्यनाथ मुमुक्षु भवन हाउसफुल, नवंबर तक वेटिंग
- मोक्ष के लिए बना काशी का वैद्यनाथ मुमुक्षु भवन हाउसफुल, नवंबर तक वेटिंग
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डॉ.एस.के.मिश्र (उत्तरशक्ति)ज़िला संवाददाता वाराणसी
वाराणसी (उत्तरशक्ति)बाबा विश्वनाथ के आंगन में मोक्ष की कामना से दिन गुजारने के लिए चार महीने का इंतजार करना होगा। चातुर्मास के दौरान लगातार दूसरे साल वैद्यनाथ भवन में वेटिंग चल रही है। 40 बेड का मुमुक्षु भवन फुल है, 10 बुजुर्गों के आवेदन वेटिंग में हैं।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रदेश सरकार ने मुमुक्षु भवन (वैद्यनाथ भवन) का निर्माण कराया है। ऐसी मान्यता है कि काशी में मृत्यु से मुक्ति मिलती है। इसी कामना के साथ देश भर से बुजुर्ग काशीवास के लिए आते हैं। चातुर्मास में 17 जुलाई से 12 नवंबर तक मुमुक्षु भवन फुल हो चुका है।
मुमुक्षु भवन के मैनेजर कौमुदीकांत आमेटा ने बताया कि दीपावली के बाद ही अब किसी को यहां प्रवेश मिलेगा। काशी में यह तीसरा मुमुक्षु भवन है। निशुल्क इंतजाम के कारण यहां वेटिंग बढ़ती जा रही है। चातुर्मास और सावन में पिछले साल भी वेटिंग थी। वृद्धजन यहां रोज बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हैं। भवन की पहली मंजिल पर महिला व दूसरी मंजिल पर पुरुष वार्ड है। पहली मंजिल पर ही पति-पत्नी के साथ रहने की भी व्यवस्था है।
3 साल में 5 लोगों को मिल चुका है मोक्ष
गंगा के छोर पर बने इस दो मंजिला भवन मुमुक्षु भवन की शुरुआत अगस्त 2022 में हुई थी। तीन साल में अब तक पांच लोगों को मोक्ष मिला है। 2023 में चार और इस साल एक बुजुर्ग को मोक्ष मिला है। यहां 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए तीन महीने तक रहने का इंतजाम है। बुजुर्गों से दाखिले के पहले ही तीन महीने का बॉन्ड भरवाया जाता है। यहां पर रहने वाले बुजुर्गों की सावन के बाद स्क्रूटनी की जाएगी। इसमें से जिनका तीन महीने का समय पूरा हो चुका है, उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।
इन बुजुर्गों को तारा संस्था के रायपुर और राजस्थान सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में संचालित केंद्रों में भेज दिया जाता है। जिस बुजुर्ग की स्थिति ज्यादा नाजुक होती है, उनको अंतिम समय तक रहने दिया जाता है। यहां अशक्त बुजुर्गों के लिए मेडिकल बेड लगाए गए हैं और परिसर में ही चिकित्सक रहता है और नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है। उनके लिए केयर टेकर का भी इंतजाम है।