
शिव महापुराण कथा सुनने से पापी को भी शिव धाम में मिल जाती है जगह
शिव महापुराण कथा सुनने से पापी को भी शिव धाम में मिल जाती है जगह
उत्सव वाटिका में शिव महापुराण कथा का दूसरा दिन
शिव कुमार प्रजापति
शाहगंज जौनपुर( उत्तरशक्ति) शिव महापुराण कथा सुनने से पापी को भी शिव धाम में जगह मिल जाती है। यह प्रवचन उत्सव वाटिका शाहगंज संगत नगर में चल रही शिव महापुराण की कथा के दूसरे दिन कथावाचक संत श्री रविशंकर जी महाराज गुरू भाई
के श्रीमुख से श्रोताओं ने सुना । उन्होंने कहा कि जीवन के उद्धार के लिए शिव महापुराण कथा जरूर सुननी चाहिए। बुधवार को उन्होंने संगत को चंचला और बिंदू की कथा सुनाई।
श्री रविशंकर जी महाराज ने कहा कि बिंदू जात से ब्राह्मण था, लेकिन ब्राह्मण के कर्तव्य का कोई काम नहीं करता था। जबकि, उसकी पत्नी चंचला सती सावित्री थी। बिंदू वैश्यावृति में पड़ गया। सारा धन वैश्या को दे देता। इससे पत्नी नाराज रहती थी। झगड़ा होता था। पति बिंदू के न समझने पर चंचला भी वैश्यावृति में पड़ गई। इस पर बिंदू चंचला से मारपीट करता है तो चंचला कहती है कि आप भी तो नहीं समझते हैं। इस पर बिंदू का गुस्सा शांत हो जाता है। कुछ समय बाद बिंदू की मौत हो जाती है।
उन्होंने कहा कि वृद्ध अवस्था में चंंचला परिवार के साथ यात्राओं के लिए निकल जाती है। एक मंदिर में शिव महापुराण कथा सुनने से उसके जीवन में परिवर्तन आता है और मरने के बाद शिवलोक में जगह मिलती है। वहां, माता पार्वती की सखी बनकर रहती है। एक दिन चंचला को पति की याद आई तो माता पार्वती बताती है कि आपका पति नरक में है। चंचला माता से पति बिंदू को परेशानी से बाहर निकालने की पुकार लगाती है। इस पर माता पार्वती गंद्धर्व लोक से तंबरों को विंध्य पर्वत पर रह रहे बिंदू को शिव महापुराण कथा सुनाने को कहती है। कथा सुनने से बिंदू पिशाच योनि से बाहर आ जाता है और भगवान शिव का गण बन जाता है। कथावाचक ने कहा कि शिव महापुराण कथा से जीवन धन्य हो जाता है।और जब आप का विकास ज्यादा हो तो प्रभु के चरणों में जरूर पहुंचे। कथा शाम सात से रात्रि दस पांच बजे तक चली।
उक्त अवसर पर दुर्ग विजय मिश्र, मनोज अग्रहरी, अरविंद अग्रहरी, माता प्रसाद मिश्र, संदीप जायसवाल, अनील कुमार मोदनवाल अशोक मोदनवाल, बच्चू लाल श्रीवास्तव भुवनेश्वर मोदनवाल सहित तमाम श्रोता भक्तगण उपस्थित रहे।