
साइकिल से 3 किमी दूर अभ्यास करने जाती थी।अभी तक जीत चुकी है 23 पदक.
डॉ.इम्तियाज़ अहमद सिद्दीक़ी सह-सम्पादक उत्तरशक्ति,जौनपुर(उत्तर प्रदेश)
साइकिल से 3 किमी दूर अभ्यास करने जाती थी।अभी तक जीत चुकी है 23 पदक.
डॉ.सन्दीप कुमार मिश्रा (उत्तरशक्ति)ब्यूरों चीफ़ वाराणसी
वाराणसी(उत्तरशक्ति )भतसार निवासी वर्षा ने पड़ोस में रह रही दीदी को जेवलिन थ्रो खेलते देखा तो खेल में रोचकता बढ़ी।दर्जी का काम कर रहे पिता से खेलने की इच्छा जताई।
घर की माली हालत ठीक ना होने से पिता नें नहीं दिखाई रूचि इसलिए घर के काम में हाथ बंटाने की दे डाली नसीहत -पढ़ो- लिखो।खेल में क्या रखा है। लेकिन वर्षा रुकी नहीं और अब तक कुल 23 पदक जीत चुकी हैं।
खिलाड़ी वर्षा वर्मा।
2015 में मात्र 14 वर्ष की आयु में गांव के मैदान से खेल की शुरूआत करने वाली वर्षा चार बहनों में सबसे छोटी हैं। वे पिता के काम में भी सहयोग करने के साथ-साथ खेलने भी जाती थीं। वर्षा नें पहला पदक 2016 में जीता। गांव और स्कूल में तारीफ मिलने पर पिता ने उन्हें आगे खेलने के लिए प्रोत्साहित किया । वह साइकिल से घर से करीब तीन किलोमीटर दूर कोटवा जाकर लालचंद राम के निर्देशन में खेल की बारीकियां सीखने लगीं।
इसी के साथ सूरजपति कन्या इंटर कॉलेज से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद 2016 में विशाखापत्तनम और कोयंबटूर में हुई अंडर-16 नेशनल प्रतियोगिताओं में क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता। और 2017 में साई सेंटर के लिए ट्रायल दिया और चयनित भी हुईं।
आजकल वे साई कोच के निर्देशन में तीन घंटे सुबह और शाम बीएचयू एथलेटिक्स मैदान पर अभ्यास करती हैं।
एक साल तक खेल से रही दूरी
वर्षा का प्रदर्शन बुलंदियों पर था लेकिन फरवरी 2018 में भाला फेंकते समय कंधे में खिंचाव आने के कारण एक वर्ष तक वे ट्रैक से बाहर रहीं।
इसके बाद लॉकडाउन लगने से दो साल तक कोई खेल गतिविधि नहीं आयोजित हुई। वहीं, 2022 के बाद लगातार विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक जीता । बीते सप्ताह ही लखनऊ में आयोजित राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है ।
सलाम है ऐसे जज्बे को