
वन परिक्षेत्र डभौरा में तेंदूपत्ता फड़ो का उठाव नही होने से फड़मुंशियों और संग्राहकों ने आंदोलन की दी चेतावनी।
वन परिक्षेत्र डभौरा में तेंदूपत्ता फड़ो का उठाव नही होने से फड़मुंशियों और संग्राहकों ने आंदोलन की दी चेतावनी।
महावीर सोनी संवाददाता उत्तरशक्ति
डभौरा रीवा म.प्र.(उत्तरशक्ति)रीवा जिले के वन परिक्षेत्र डभौरा अंतर्गत प्राथमिक लघु वनों उपज समिति जतरी, सुहावल एवं घूमन में तेंदूपत्ता फडो पर पत्ता का उठाव न होने से फड़मुंशियों एवं संग्राहकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
मिली जानकारी के अनुसार तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2024 में तेंदूपत्ता संग्रहण समिति जतरी,सुहावल और घूमन द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी तेंदूपत्ताका तुड़ाई कर संग्रहण किया गया।जो बीते वर्ष की तुलना मे इस वर्ष ज्यादा संग्रहण का कार्य हुआ है ।
परंतु वन विभाग के अधिकारियों द्वारा तेंदूपत्ता का फडो से उठाव पर क्रेता प्रतिनिधियों पर रोक लगा दी गई है जिसमें बोरा भर्ती परिवहन सभी कार्य क्रेता प्रतिनिधि ने बंद करा दिया गया है इसमें लगभग 250000 गुड्डी जतरी में शेष उठाव के अभाव में पड़ी हुई है।
इसी तरह सुहावल एवं घूमन समिति के फडों पर तेंदूपत्ता पड़ा है कई फडों पर ठेकेदार द्वारा बोरा भर्ती भी कर लिया गया है एवं परिदान भी हो चुका है परंतु उठाव के लिए वन विभाग अनुमति नहीं दे रहा है जिससे आने वाले दिनों में तेंदूपत्ता संग्रहको का भुगतान अधर में लटक जाएगा एवं आंधी तूफान से पत्ता उड़ने सड़ने एवं खराब होने की स्थिति में पहुंच रहा है। इसके बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जिससे तेंदूपत्ता संग्राहकों में काफी आक्रोश उभर रहा है।
सामाजिक संगठन के नेता रामनरेश यादव ने कहा है कि प्रबंध संचालक रीवा मामले को गंभीरता से नही ले रहे है इसी बजह से तेंदूपत्ता फडों के पत्तों का उठाव नहीं करते हैं
परिदान नही करवाते हैं एवं उनका समय में भुगतान भी नहीं होता है यदि जल्द ही ध्यान नही दिया गया तो इसके विरोध में क्रमिक अनशन एवं घेराव प्रदर्शन किए जाने हेतु संगठन बाध्य होगा।
जिसकी तेंदूपत्ता संग्रहक की समस्त जिम्मेदारी वन विभाग परिक्षेत्र डभौरा की होगी।