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अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर बताते हुए दावा पेश, पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट एवं कई पुस्तकों का दिया हवाला,

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अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर बताते हुए दावा पेश,
पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट एवं कई पुस्तकों का दिया हवाला,

डॉ.इम्तियाज़ अहमद सिद्दीक़ी सह-संपादक

उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक

जौनपुर(उत्तर प्रदेश)


जौनपुर(उत्तरशक्ति)आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने गुरुवार को सिविल जज सीनिअर डिवीजन के न्यायालय में अटाला मजिस्द को अटाला माता मंदिर बताते हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, प्रबंधन कमेटी अटाला मस्जिद के खिलाफ दावा पेश किया।
वादी मुकदमा अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वाद संपत्ति अटाला मस्जिद मूल रूप से अटाला माता मंदिर है। ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार अटाला माता मंदिर का निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद्र राठौर ने करवाया था।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रथम निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अटाला माता मंदिर को तोड़ने का आदेश फिरोज शाह ने दिया था लेकिन हिंदुओं के संघर्ष के कारण वह मंदिर को तोड़ नहीं पाया। जिसपर बाद में इब्राहिम शाह अतिक्रमण कर मंदिर का उपयोग मस्जिद के रूप में करने लगा।
कलकत्ता स्कूल ऑफ आर्ट के प्रिंसिपल ईबी हेवेल ने अपनी पुस्तक में अटाला मस्जिद की प्रकृति व चरित्र को हिन्दू बताया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनेक रिपोर्ट्स में अटाला मस्जिद के चित्र दिए गए हैं जिनमें त्रिशूल, फूल, गुड़हल के फूल, त्रिशूल आदि मिले है। वर्ष 1865 के एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के जनरल में अटाला मजिस्द के भवन पर कलश की आकृतियों का होना बताया गया है।
अटाला मस्जिद ही अटाला माता मंदिर का मूल भवन है जो कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन संरक्षित व एक राष्ट्रीय महत्व का स्मारक है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, उपेंद्र विक्रम सिंह, हिमांशु श्रीवास्तव,इशांत प्रताप सिंह सेंगर, इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

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