
जौनपुर: कराह रहा शहर, चुनावी शेार में दब गयी जनसुविधायें,
डॉ.इम्तियाज़ अहमद सिद्दीक़ी सह-संपादक
उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक
जौनपुर(उत्तर प्रदेश)
जौनपुर: कराह रहा शहर, चुनावी शेार में दब गयी जनसुविधायें,
अभिताश गुप्ता
जौनपुर(उत्तरशक्ति)इस समय चुनावी माहौल चल रहा है। शहर में नागरिक सुविधायें मुंह बायें खड़ी होकर मुसीबत बनी हुई है लेकिन इस बात को लेकर राजनीतिक दलों के प्रमुख प्रत्याशियों के मुंह बन्द है जो हैरत की बात है।
जिला मुख्यालय के सड़कों की बदतर हालत सालों से बनी हुई है।यह किसी से छिपा नहीं है। खोदी गयी सड़कों पर धूल की आंधियां चल रही है। लोगों के आंख, बाल और मुंह में धूल जम जाता है। सड़कों की खराब दषा और मनमाने संचालन ने रही सही कसर पूरी कर दिया है।सड़कों पर दुकानों का सामान बेचे जाने की वजह से इस भीषण गर्मी में शहर में जाम लग रहा है।
शहर की नालियां जाम है।पानी सड़कां पर बह रहा है। कूड़ों के ढेर से गलियां भरी है।काली कुत्ती,जहांगीराबाद,परमानतपुर लोगों की इन समस्याओ से दुर्दशा हो रही है। गन्दगी से लोग नाक बन्द कर चलने पर विवष हो रहे है।
जनप्रतिनिधि कहते है विकास की गंगा बह रही है। क्या यही विकास है।तमाम मोहल्लों में पेयजल की समस्या गहरा गयी है।प्रदर्शन हो रहा है बन्धक बनाये जा रहे है। प्रत्याशी वोट मांगने में मशगूल है। नागरिक सवाल कर रहे है। यही डबल इंजन सरकार की व्यवस्था है। सत्ताधारी दल इके प्रत्याशी आश्वासनों का सब्जबाग दिखा रहे है।विपक्षी प्रत्याशी यह सब पर कुछ नहीं बोल रहे है। शहर को नरक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा गया है।
चुनावी प्रचार चरम पर पहुंच गया है। लोग कह रहे है क्या इन दुव्र्यवस्थाओ पर वेाट दिया जायेगा। जनता कह रही है गन्दगी और धूल फांकनें के लिए विवस्त्र है मतदान का प्रयास किया जा रहा है। जिला मुंख्यालय का जब यह आलम है तब कस्बों और ग्रामीणों क्षेत्रों की दशा की बात ही करना बेकार है। विकास और स्वच्छता की बाते की जाती है।
जागरूक नागरिकों का कहना है कि इन्ही समस्याओं के कारण मतदाताओं में उत्साह नहीं दिख रहा है। वे आस्वासनों और चुनावी वादों से पूरी तरह से परिचित है।