
जौनपुर:रेलवे से जुड़ी जनसमस्याओं को लेकर लखनऊ डीआरएम से मिले उत्तर रेलवे जोनल अध्यक्ष:विनय जायसवाल
डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीकी सह-संपादक,उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक,जौनपुर ( उत्तर प्रदेश )
रियाजुल हक़ ब्यूरो
जौनपुर:रेलवे से जुड़ी जनसमस्याओं को लेकर लखनऊ डीआरएम से मिले उत्तर रेलवे जोनल अध्यक्ष:विनय जायसवाल
जौनपुर (उत्तरशक्ति)।जिले की रेलवे से जुड़ी जनसमस्यों के लेकर विनय जायसवाल ने बृहस्पतिवार को लखनऊ डीआरएम सुनील वर्मा से मिलकर जनहित में रेलवे से संबंधित विभिन्न सामाजिक मुद्दों से अवगत कराया एवं अपनी माँग रखी ।जोनल अध्यक्ष विनय जायसवाल ने कहा कि वाराणसी- सुल्तानपुर रेल प्रखंड स्थित बक्सा एवं सरायहरखू रेलवे स्टेशन पर फरक्का,गंगा जमुना एक्सप्रेस,एवं सटल एक्सप्रेस का ठहराव किया जाना अति आवश्यक है।क्योंकि यहां से लगभग 70 गांवों और 2 लाख की आबादी वाले इस इलाके से लोगों को आवागमन मे असुविधा का सामना करना पड़ता है।
विनय जायसवाल ने बताया कि खेतासराय रेलवे स्टेशन वाराणसी-अयोध्या मार्ग का प्रमुख स्टेशन है ।इस स्थानीय रेलवे स्टेशन पर 10 साल से आरक्षण केंद्र बंद है।इसे रेल विभाग में (बी) क्लास स्टेशन का दर्जा प्राप्त है ।इस आरक्षण केंद्र को पुनः चालू किया जाए l जिससे यात्रियों को टिकट के लिए 10 किलोमीटर दूर शाहगंज या 25 किलोमीटर दूर जौनपुर जंक्शन न जाना पड़े।
जोनल अध्यक्ष ने जाफराबाद से जौनपुर के बीच सिंगल लाइन होने से ट्रेन अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से चल रही हैं l जिससे यात्रियों को सुविधा मिलने की बजाय भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है ।जल्द से जल्द इस लाइन को डबल किया जाए जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
विनय जायसवाल ने बताया कि खेतासराय रेलवे स्टेशन वाराणसी-अयोध्या मार्ग का प्रमुख स्टेशन है ।इस स्थानीय रेलवे स्टेशन पर 10 साल से आरक्षण केंद्र बंद है।इसे रेल विभाग में (बी) क्लास स्टेशन का दर्जा प्राप्त है ।इस आरक्षण केंद्र को पुनः चालू किया जाए l जिससे यात्रियों को टिकट के लिए 10 किलोमीटर दूर शाहगंज या 25 किलोमीटर दूर जौनपुर जंक्शन न जाना पड़े।
जोनल अध्यक्ष ने जाफराबाद से जौनपुर के बीच सिंगल लाइन होने से ट्रेन अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से चल रही हैं l जिससे यात्रियों को सुविधा मिलने की बजाय भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है ।जल्द से जल्द इस लाइन को डबल किया जाए जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।