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वाराणसी:कम उम्र में क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा शेफाली जरीवाला की हार्ट अटैक से हुई मृत्यु पर उठ रहे सवाल

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डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीकी सह-संपादक,उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक,जौनपुर ( उत्तर प्रदेश )
रियाजुल हक़ ब्यूरो

वाराणसी:कम उम्र में क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा शेफाली जरीवाला की हार्ट अटैक से हुई मृत्यु पर उठ रहे सवाल
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय को ज़रूरत के मुताबिक नहीं मिल पाता ऑक्सीजन और खून:डॉक्टर विवेकानंद गुप्ता
वाराणसी,उत्तर प्रदेश (उत्तरशक्ति)।कांटा लगा फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की महज 42 वर्ष की उम्र में हुई मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि शेफाली जरीवाला की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के बाद कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौत की अप्रत्याशित संख्या ने लोगों को चिंतित कर दिया है। बॉलीवुड में भी कई सितारों की कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हो चुकी है।
बातचीत में गैलेक्सी हॉस्पिटल महमूरगंज वाराणसी और स्पंदन हार्ट केयर सिगरा वाराणसी के लब्ध प्रतिष्ठित कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर विवेकानंद गुप्ता  बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट में अचानक दिल की धड़कनें रुक जाती हैं जिससे मरीज बेहोश हो सकता है, ऐसे में हमारा दिल शरीर को खून पंप करना बंद कर देता है। डॉक्टर विवेकानंद गुप्ता के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट एक मेडिकल इमरजेंसी है, समय पर मेडिकल सुविधा न मिल पाने पर कुछ मरीजों की अस्‍पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है।
पूछे गए एक सवाल के जवाब में
डॉक्टर विवेकानंद गुप्ता बताते हैं अगर शुरुआत के तीन से पांच मिनट में सीपीआर और डिफिब्रिलेटर का इस्‍तेमाल कर लिया जाए, तो मरीज को बचाया जा सकता है।हालांकि दिल का दौरा किसी भी उम्र में हो सकता है।लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हार्ट अटैक को लेकर जोखिम बढ़ता जाता है।
दिल का दौरा, तब होता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह आंशिक या पूरी तरह से रुक जाता है।जब हृदय को जरूरत के मुताबिक खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, तो वह ठीक से पंप नहीं कर पाता है। दिल जितना अधिक समय तक पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन के बिना रहता है, उसकी मांसपेशियों को उतना ही अधिक नुकसान होता है।
डॉक्टर विवेकानंद गुप्ता बताते हैं कि सीने में दर्द या सीने में बेचैनी की भावना, सांस लेने में तकलीफ, हाथ, गर्दन, कंधे या जबड़े में दर्द, पसीना आना, चक्कर आना, थकान, पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना आदि लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखकर दिल के दौरे से बचा जा सकता है । हाई ब्लड प्रेशर , निरंतर तनाव में रहना आदि भी हृदयजनित समस्याओं को पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
डॉक्टर विवेकानंद गुप्ता बताते हैं कि किसी व्यक्ति को भले ही हृदय संबंधी कोई समस्या न दिखाई पड़ती हो ,या हृदय रोग का कोई पारिवारिक इतिहास न हो, फिर भी कार्डियोलॉजी जांच करवा लेने से हार्ट की स्थिति स्पष्ट हो जाती है।
डॉक्टर विवेकानंद गुप्ता के मुताबिक नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, तनाव रहित जीवन, नमक और चीनी का कम सेवन तथा 7 से 8 घंटे की नींद लेकर हृदय संबंधी होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।
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