
मानी कलां कस्बा में भूमाफियाओं का आज भी आतंक जारी
मानी कलां कस्बा में भूमाफियाओं का आज भी आतंक जारी
डॉ.इम्तियाज़ अहमद सिद्दीक़ी सह-सम्पादक
रियाजुल हक (उत्तरशक्ति)जिला क्राइम रिपोर्टर जौनपुर
मानीकलां,जौनपुर( उत्तरशक्ति )| थाना खेतासराय क्षेत्र के कस्बा मानी कलां में भू माफियाओं का बदस्तूर खेल आज भी जारी है।अवैध तरीके से जो भी व्यक्ति गांव में नहीं रहता है।उसी की जमीन पर अपना नाम चढ़ावा कर फर्जी तरीके से जबरन कब्जा करने का प्रयास करना शुरू कर देते है।मानी कला में चार से पांच भूमाफियाओं का एक गैंग है।यह गैंग पहले अपनी भूमि को बेचता है, प्लांटर बनकर फिर उसे रजिस्ट्री नहीं करता है।और उसे जहां पर कब्जा करना होता है।उस भूमि को ग्राम सभा की भूमि बता कर कुछ राजस्व के कर्मचारी की मदद से एक फर्जी दस्तावेज तैयार करता है।और एक से दो राजस्व बाबू से संपर्क करता है।और जो बड़े कसकार होते है।उनकी भूमि पर अवैध तरीके से बैक डेट में अपना नाम चढ़वा लेते हैं।क्योंकि मानी कला आज भी चकबंदी में है,जिसके कारण जो भी कागजात होते चकबंदी के वह मैन्युअल बनते हैं।इंटरनेट पर न होने के कारण भूमिमाफिया व लेखपाल की मिली भगत से मानी कलां में आज भी यह खेल जारी है ।अगर समय रहते सरकार ने इन भूमाफियाओ पर अपना शिकंजा नहीं कसा तो तो न जाने कितने भूमि स्वामी अपनी भूमि से वंचित रह जाएंगे।और फिर मुकदमों में उलझ जाएंगे मुकदमा कितने साल चलेगा 10 साल चलेगा या 20 साल चलेगा इसकी जानकारी किसी को नहीं जब यह मामला दीवानी कचहरी में पहुंचेगा तो सिर्फ और तारीख पर तारीख मिलती रहेगी।और समय बर्बाद होता रहेगा अगर उससे पहले ही भूमाफियाओं पर सरकार द्वारा लगाम नहीं लगाया गया तो न जाने कितने मासूम इनके जल में फंस जाएंगे।इस खेल सबसे बड़ा कस्बा मानी कलाँ एक खिलाड़ी है जो पहले फर्जी कागजात अपने घर पर तैयार करता है ।फिर उसी के माध्यम खेल शुरू होता है।फिर अवैध तरीके से अपनी जमीन को उड़ान चक के जरिए उठा कर ले जाते है।और उसी भूमि पर बैठ जाते हैं।इस तरह से मानी कलाँ में चार से पाँच भूमाफ़िया है।सब का काम अलग है कोई कब्रिस्तान पर कब्ज़ा करता है कोई ग्राम सभा के पोखरी पर कब्ज़ा करता है ।