
वर्तमान राजनीति राष्ट्र हित में नहीं–शंकराचार्य निश्चलानंद
जौनपुर(उत्तरशक्ति)।राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा के अंतर्गत धर्मसभा में गोवर्धन मठ जगन्नाथ पुरी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि भारत विश्व गुरु था और विश्व गुरु रहेगा इसमें कोई संशय की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि फूट डालकर शासन करने की राजनीति की जो परिभाषा है वह देश और राष्ट्रहित में नहीं है। व्यक्ति के जनहित, देश की सुरक्षा और हिंदूओं की रक्षा में सहभागिता होनी चाहिए। यह बातें उन्होंने जिला पंचायत के गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षा के प्रति रामलला को अयोध्या में प्रतिष्ठित किया गया और रामलला ने चित कर दिया। व्यक्ति की तानाशाही ज्यादा दिन तक नहीं चलती है।
अध्यात्म से दूर हो रही युवा पीढ़ी के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब माता-पिता संस्कारित होंगे और धर्म का उनको ज्ञान होगा तो उनके बच्चे भी धर्म के प्रति निष्ठा रखते हुए संस्कारित होंगे। उन्होंने कहा कि राजनेता शब्दभेदी बाण चलाने में माहिर होते हैं। 2025 में प्रयाग में महाकुंभ के दौरान संतों को कार्ड जारी करने के प्रश्न पर शंकराचार्य महाराज ने कहा कि अब देखना है कि वहां पर शंकराचार्यों की क्या व्यवस्था है? अखाड़ा परिषद में इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मठ-मंदिर को विमुक्त करना चाहिए और यह सब शंकराचार्यों के अधीन होना चाहिए। दो दिवसीय प्रवचन टीडीपीजी कालेज के बलरामपुर हाल में रविवार से शुरू होकर सोमवार को समाप्त हो जाएगा। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञान प्रकाश सिंह, विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह प्रिंसू, माउंट लिट्रा जी स्कूल के निदेशक अरविंद सिंह, डॉ. आलोक सिंह, नवीन सिंह, बंटी सिंह, विनीत सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।