
चकबंदी विभाग व भूमाफियाओं की वजह से बुजुर्ग बेघर होने को मजबूर
चकबंदी विभाग व भूमाफियाओं की वजह से बुजुर्ग बेघर होने को मजबूर
जौनपुर,(उत्तरशक्ति)।चकबंदी कर्ताओं की गलती की वजह से दर दर ठोकरे खाने को मजबूर 72 वर्षी बुजुर्ग आज न्याय के लिए जिलाधिकारी के यहां पत्र लेकर पहुंचा और न्याय की मांग की,जिलाधिकारी की लोकप्रियता और न्याय को देखते हुए बुजुर्ग न्याय के उम्मीद में घर लौटा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर तहसील के रामपुर जमीन हिसामपुर गांव निवासी 72 वर्षीय रमाशंकर 1986 से एक कमरा एवम मडहा डालकर पशु,प्राणी सहित रहते हैं।
गांव में चकबंदी के दौरान 2010 में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी से अपने हिस्से की भूमि पर 0.015 हे0 पर मकान बनाने हेतु आदेश लिया और इस आदेश के क्रम में एक कमरा,टीन सेड,लैट्रिन,सोखता आदि बनवा लिया, चकबंदी के दौरान रामाशंकर के हिस्से की भूमि उसी निर्माण वाले स्थान पर देकर काबिज भी कराया गया लेकिन इसके विपरित बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के आदेश को दरकिनार कर उसी मकान पर अन्यत्र दिशा में काबिज श्यामा देवी की चक को लाकर बैठा दिया गया,नक्शे को गलत बनाकर श्यामा देवी जिस जमीन को लेकर रामाशंकर के मकान पर आई है ओ बैनामे की है लेकिन कोई चौहद्दी नहीं है जबकि बैनामा बगैर चौहद्दी के नही होता है।उक्त शिकायत को लेकर रामाशंकर द्वारा 2013 से लगातार शिकायती पत्र तमाम उच्चाधिकारियों को दिया गया लेकिन किसी ने नहीं सुनी थक हारकर चकबंदी अधिकारी सिद्दीकपुर के यहां वाद दाखिल किया जिसमे आजतक केवल और केवल तारीख ही मिलती रही है।
आसपास के सभी लोगो ने मकान बनवा लिया है।जबकि उक्त चकबंदी कर्ताओं की मिलीभगत से श्यामा देवी के परिवार वाले अब रामाशंकर के मकान को अपना बताकर भूमाफियाओं के हाथों बेचना चाहते हैं।इस परिस्थिति में यदि जल्द से जल्द मामले पर संबंधित अधिकारियों द्वारा निस्तारण न किया गया तो 72 वर्षीय बुजुर्ग रमाशंकर बेघर हो जाएगा।रामाशंकर का कहना है कि अगर गलती चकबंदी कर्ताओं की है तो उसे विभाग सुधार कर हमे न्याय दे हम बुजुर्ग को क्यों परेशान किया जा रहा है यदि हमें न्याय नहीं मिलता है तो हम जल्द ही परिवार सहित माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष अपनी समस्या को लेकर जाएंगे।।
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