
महापुरुषों को जानने और पढ़ने से रोक रही है योगी सरकार:- राकेश मौर्य
महापुरुषों को जानने और पढ़ने से रोक रही है योगी सरकार:- राकेश मौर्य

जेपीएनआईसी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में बनाया सपा ने:दीपचंद सोनकर

अखिलेश यादव को लोकनायक की जयंती पर जाने से रोकना भाजपा सरकार का निंदनीय कृत्य:- लल्लन प्रसाद यादव


जौनपुर।(उत्तरशक्ति)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर जिला समाजवादी पार्टी के तत्वाधान में जननायक लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की 122 वीं जयंती जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य की अध्यक्षता में मंगलम लॉन मियांपुर में समारोह पूर्वक मनाई गई। सर्वप्रथम उपस्थित पार्टीजनों ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात गोष्ठी के माध्यम से लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संघर्षों, आदर्शों को याद करते हुए उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य ने कहा कि आज सत्ता की निरंकुशता ये है की महापुरुषों को उनकी जयंती पर याद करने, जानने और पढ़ने से रोका जा रहा है।जबकि लोकनायक जयप्रकाश नारायण खुद में आंदोलन थे खुद में क्रांति थे आज इस क्रांति की जरूरत है जनता 2027 में जयप्रकाश नारायण जी के आदर्शों पर चलकर इस तानाशाह और निरंकुश सरकार को उखाड़ फेकेगी। गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री दीपचंद सोनकर ने कहा कि जेपीएनआईसी का निर्माण सपा ने इसलिए कराया था की युवा पीढ़ी जयप्रकाश नारायण जैसे महापुरुषों को पढ़ सके जान सके और उनमें भी कुरीतियों और तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने की ताकत पैदा हो सके। ऐसे में लखनऊ में निरंकुश सत्ता ने अखिलेश यादव को रोककर तानाशाही का परिचय दिया है जिसकी हमसभी निंदा करते हैं। गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए पूर्व एमएलसी लंदन प्रसाद यादव ने कहा कि 1970 के दशक में इंदिरा गांधी की तानाशाही के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का आवाहन करने वाले जयप्रकाश नारायण जी को याद करने से रोकना भाजपा सरकार की हताशा और निराशा का परिचय है हम आज भी उनके आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं 2027 में जनता खुद जयप्रकाश नारायण जी के आदर्शों पर चलकर भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल कर देगी।संचालन ज़िला महासचिव आरिफ हबीब ने किया। गोष्ठी के अंत में सपा नेता श्रवण जायसवाल की माताजी और सुइथा ब्लॉक महासचिव श्रीपति यादव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखकर आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई।