
आओ सुनाये एक कहानी वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी रियाजुल हक़ ख़ान की ज़ुबानी
आओ सुनाये एक कहानी वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी रियाजुल हक़ ख़ान की ज़ुबानी
जौनपुर(उत्तरशक्ति)।एक राजा ने जनता के लिए एक पुल बनवाया। पुल बनने से कुछ लोगो को दिक्कत थी। राजा ने एक बॉक्स रखवा दिया कि जिसका भी विरोध है वो एक पर्ची पर लिखकर बक्से में डाल दे। किसी ने कोई विरोध नहीं किया। पुल बनकर रेडी हो गया। फिर राजा ने सोचा कि क्यों न इसपर चलने वालो के लिए कोई टोल लगा दिया जाए।और राजा ने टोल लगाने से पहले फिर एक डब्बा रखवा दिया कि जिसको भी विरोध हो वो पर्ची पर लिखकर डब्बे में डाल दे। लेकिन फिर भी किसी ने विरोध नहीं किया। राजा को बड़ी चिंता हुई कि जनता किसी चीज का विरोध ही नहीं कर रही है। फिर राजा ने पुल पर दो आदमी बैठा दिए और हर दस मिनट के गैप के बाद जो भी वहां से गुजरे उनको दो दो जुता मारने के आदेश दे दिए। अब फिर एक डब्बा रखवा दिया कि जुता मारने पर किसी को कोई विरोध है तो एक पर्ची पर विरोध दर्ज करके डब्बे में डाल दे। एक आदमी ने एक पर्ची डालकर विरोध जता दिया। राजा बड़ा खुश हुआ कि कोई तो मर्द आदमी निकला जिसने विरोध किया और उसने एक आदमी भेजकर उसे दरबार में बुलाया कि उसका क्या विरोध है। जब वो आदमी दरबार में हाजिर हुआ तो उससे पूछा गया कि बतावो आप क्या चाहते हो।तो उस आदमी ने कहा कि जुता मारने वाले आदमियों की संख्या बढ़ा दीजिए दो आदमी कम पड़ते है और दस मिनट का गैप भी कम होना चाहिए क्योंकि लोगो का टाइम खराब हो रहा है और लाइन लग जाती है।देश में यही चल रहा है आज कल।
शहर का पॉलिटेक्निक चौराहा बंद होने का यही कारण है।