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जौनपुर:तस्करों ने सिपाही को कुचलकर मार डाला मौत की खबर सुन टीचर पत्नी बेहोश, मां बेसुध, एनकाउंटर में जीबी तस्कर सलमान ढेर

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डॉ.इम्तियाज अहमद सिद्दीकी सह-संपादक,उत्तरशक्ति हिन्दी दैनिक,जौनपुर ( उत्तर प्रदेश )
रियाजुल हक़ ब्यूरो


जौनपुर:तस्करों ने सिपाही को कुचलकर मार डाला
मौत की खबर सुन टीचर पत्नी बेहोश, मां बेसुध, एनकाउंटर में जीबी तस्कर सलमान ढेर

जौनपुर(उत्तरशक्ति)।गो-तस्करों ने चेकिंग के दौरान सिपाही को पिकअप से कुचलकर मार डाला। वारदात के बाद पुलिस बदमाशों का पीछा करना शुरू कर दिया। जगह-जगह बैरिकेडिंग कराई। आसपास के थानों को अलर्ट भेजा।

इधर, बदमाश भागते हुए एक गांव में पहुंचे। वहां पुलिस को चकमा देने के लिए पिकअप को छोड़ दिया। फोन करके दो बाइक मंगाईं। फिर 3-3 बदमाश दोनों बाइकों पर सवार हो गए। वहां से यू-टर्न लिया और जहां सिपाही को रौंदा था, उसे क्रॉस करते हुए निकल गए।

लेकिन पुलिस ने 24 किमी दूर जाने पर तस्करों को घेर लिया। खुद को घिरता देख गो-तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। फिर दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस की गोली से बदमाश सलमान मारा गया। वहीं, नरेंद्र यादव और गोलू यादव को पैर में गोली मारकर पकड़ लिया गया। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। हालांकि, 3 बाइक सवार तस्कर मुठभेड़ के दौरान फरार हो गए।

सिपाही की मौत की खबर मिलते ही उनके घर में कोहराम मच गया। पत्नी प्रियंका रोते-रोते बेहोश हो गईं। जबकि मां उर्मिला सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बेटे को याद कर चीख उठती हैं। कहती हैं- मेरा लाल कहां चला गया?

आसपास की महिलाएं उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रही हैं। घर में रिश्तेदार भी जुट गए हैं। पिता दीनानाथ सिंह बेटे का शव लेने वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर गए हैं। पड़ोसियों का कहना है- दीनानाथ बेटे की मौत की खबर सुनते ही सन्न रह गए थे।

रोकने की कोशिश की तो सिपाही को रौंदते हुए निकल गए तस्कर

जौनपुर पुलिस के मुताबिक, 17 मई की रात करीब 12 बजे चंदवक पुलिस टीम खुज्झी मोड़ के पास चेकिंग कर रही थी। इस दौरान थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह और 8-10 पुलिसवाले मौजूद थे। तभी आजमगढ़ की ओर से पिकअप सवार गो-तस्कर आए।

पुलिस ने पिकअप को रोकने की कोशिश की, तो तस्करों ने गाड़ी की स्पीड और बढ़ा दी। पिकअप हेड कॉन्स्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह को रौंदते हुए निकल गई। यह पूरी घटना होटल में लगे CCTV में कैद हो गई।

घटना के बाद साथी पुलिसवाले कॉन्स्टेबल को उठाते हैं। उन्हें तत्काल वाराणसी ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान 12:46 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इधर, घटना की सूचना पर SOG टीम और आस-पास के थानों की पुलिस तस्करों की तलाश में जुट गई। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई। आसपास के थानों को अलर्ट किया गया। टीम तस्करों का पीछा करते हुए वाराणसी के थाना चोलापुर के ताला बेला गांव पहुंची। यहां तस्करों ने वाहन छोड़ दिया। दो बाइक पर तीन-तीन सवार होकर चंदवक की दिशा में भाग गए।

पुलिस ने आरोपियों का पीछा करते हुए कोइलारी बाजार के पास सतमिश्रा गांव पहुंची। पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया। खुद को घिरता देखकर बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाब में फायरिंग की। इसमें नरेंद्र यादव, निवासी रमना चौबेपुर, वाराणसी और गोलू यादव निवासी टड़िया, थाना अलीनगर, चंदौली के पैरों में गोली लगी।

वहीं, बाइक सवार सलमान, निवासी मुथरापुर कोटवा, थाना जलालपुर, जौनपुर, के सीने में गोली लग गई। हालांकि, 3 बाइक सवार बदमाश फरार हो गए। पुलिस सलमान को सीएचसी डोभी ले गई। वहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल भेज दिया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

दरअसल, 15 मई की रात थाना जलालपुर के पराउगंज चौकी प्रभारी प्रतिमा सिंह पुलिसकर्मियों के साथ चेकिंग कर रही थीं। तभी पशु तस्करों ने जानबूझकर पिकअप वाहन से उन्हें टक्कर मार दी। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनका वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। इसके बाद जौनपुर पुलिस ने पूरे जिले में चेकिंग अभियान चलाया। इसी क्रम में पुलिस टीम खुज्झी मोड़ पर चेकिंग कर रही थी, तभी गो-तस्करों ने सिपाही पर गाड़ी चढ़ा दी।

सिपाही दुर्गेश सिंह चंदौली के सकलडीहा थाना क्षेत्र के उकनी गांव के रहने वाले थे। 14 साल पहले पुलिस जॉइन की थी। दुर्गेश की शादी 2015 में हुई थी। पत्नी प्रियंका खुज्झी में प्राथमिक विद्यालय में टीचर हैं। प्रियंका सिधौनी गांव में किराए के मकान में 6 साल की बेटी नव्या और 2 साल की बेटी तान्या के साथ रहती हैं। दुर्गेश सिंह के पिता के पिता किसान हैं। मां गृहिणी हैं। बड़े भाई राजीव रंजन एयरफोर्स में हैं। उनकी तैनाती जोधपुर में है।

चचेरे भाई राजू सिंह ने बताया- 15 मई की रात में दुर्गेश आधे घंटे के लिए घर आया था। उसने मुझसे भी मुलाकात की थी। जाते वक्त कहा था- जल्द ही फिर घर आऊंगा। लेकिन किसे पता था कि वह आखिरी मुलाकात होगी। अब वो हमेशा के लिए चला गया।

भांजी ट्विंकल ने बताया- कल रात 10 बजे मेरी मामा से बात हुई थी। उन्होंने मेरा हाल चाल पूछा था। कहा था- तुमसे मिलने जल्द आऊंगा। गांव के लोगों का कहना है- दुर्गेश बेहद मिलनसार और शांत स्वभाव का था। गांव में हर किसी के सुख-दुख में साथ रहता था। अब उसकी मौत से पूरे गांव में मातम छा गया है।

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