
वाराणसी: तेलियाबाग तिराहे पर तेज़ रफ़्तार ट्रैक्टर रेलिंग तोड़ फुटपाथ पर चढ़ा, बड़ी दुर्घटना टली
डॉ.इम्तियाज़ अहमद सिद्दीक़ी सह-सम्पादक
डॉ.एस.के.मिश्र ब्यूरो चीफ वाराणसी
वाराणसी: तेलियाबाग तिराहे पर तेज़ रफ़्तार ट्रैक्टर रेलिंग तोड़ फुटपाथ पर चढ़ा, बड़ी दुर्घटना टली

वाराणसी(उत्तरशक्ति)।वाराणसी के तेलियाबाग तिराहे पर देर रात तेज रफ्तार ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर रेलिंग तोड़ते हुए फुटपाथ पर चढ़ गया। घटना में संजोग रहा कि कोई हताहत नहीं हुआ। यह हादसा पटेल धर्मशाला के पास हुआ, जहां ट्रैक्टर की रफ्तार इतनी तेज थी कि वह सीधे रेलिंग को तोड़ते हुए फुटपाथ पर जा पहुंचा। रफ्तार और नियमों की अनदेखी बनी बड़ी समस्या रात होते ही शहर की सड़कों पर ट्रैक्टरों का बेखौफ संचालन जारी रहता है। ट्रैक्टर चालक तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं।मानो सड़क पर उनके अलावा कोई और मौजूद ही न हो। यातायात माह के दौरान भी इस प्रकार की घटनाएं सवाल खड़े कर रही हैं। हैरानी की बात यह है कि शहर में चलने वाले 90% ट्रैक्टरों पर नंबर प्लेट नहीं होती। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि अधिकांश ट्रैक्टर चोरी के या अवैध हो सकते हैं। बिना लाइसेंस मजदूर चला रहे ट्रैक्टर शहर में बड़ी संख्या में ऐसे ट्रैक्टर भी देखे गए हैं। जिनके चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। इनमें से कई चालक पेशेवर ड्राइवर भी नहीं हैं।बल्कि खनन कार्यों में लगे मजदूर हैं। ऐसे में सड़क पर ट्रैक्टरों की तेज रफ्तार से बढ़ती घटनाओं के लिए प्रशासन की उदासीनता जिम्मेदार मानी जा रही है। शहर में हो रहे अवैध निर्माण और प्रशासनिक उदासीनता बनी समस्या निर्माण कार्यों में लगे इन ट्रैक्टरों को सड़कों पर अवैध तरीके से चलने की छूट मिल रही है। कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्रैक्टर बेहिसाब तरीके से शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं।लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही। पैसों की खनक ने पुलिस की आंखों पर बांध रखी है पट्टी आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद पुलिस कमिश्नरेट इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है। थानों के प्रभारी इन ट्रैक्टरों पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इस प्रकार के ट्रैक्टर यमराज बनकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। लेकिन प्रशासन का मौन रवैया जनता की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। आये दिन ट्रैक्टर से हो रहे दुर्घटना में लोगों की जान जा रही है।आखिर कब जागेगा प्रशासन और कब बंद होगा ट्रैक्टरों का यह आतंक
