
अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू हो एस जेड ज़ैदी एडवोकेट सिविल कोर्ट जौनपुर
अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू हो एस जेड ज़ैदी एडवोकेट सिविल कोर्ट जौनपुर
जौनपुर,(उत्तरशक्ति)।आज का महत्वपूर्ण मुद्दा जो भारत में एडवोकेसी कर रहे सभी एडवोकेट के हितों और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।देश के अदंर पिछले कुछ सालों से निरंतर हो रही गम्भीर घटनाओं से सभी अधिवक्ताओं में यह बात को ले कर रोष है कि, एक अधिवक्ता जो की “ऑफिसर ऑफ द कोर्ट” होता है जिसका कर्तव्य किसी गरीब असहाय, वा अक्षम व्यक्ति को न्याय दिलाना होता है। उस पर कब तक प्राणघातक हमले होते रहेंगे। सवाल क्या वह स्वतन्त्रता से अपने कोर्ट का कार्य नहीं कर सकता? अधिवक्ताओं के ऊपर हो रहे प्राणघातक हमलों को देखते हुए। “अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम” को ले कर देश के अनेकों राज्यों वा उनके जिलों कि अदालतों के अधिवक्ताओं द्वारा सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करके उक्त अधिनियम लागू करने कि मांग की जा रही है लेकिन सभी राज्य सरकारें इस मुद्दे पर मौन है!हमारे देश में “वकील और डॉक्टर” को सामाज/व्यक्ति का रक्षक माना जाता है।
लेकिन सरकारों ने इसमें भी पक्षपात किया है। जिस प्रकार एक डॉक्टर कि सुरक्षा के लिए “यूपी मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2013” बनाया गया। तो क्या एक अधिवक्ता की रक्षा के लिए “यूपी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट” लागू नहीं किया जा सकता? सैय्यद ज़ैगम ज़ैदी का मानना है की यदि इस डबल इंजन की सरकार में ये अधिनियम पास नहीं हो सका फिर कभी नहीं हो सकता। राज्य सरकार से उपेक्षा है की बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा सरकार को भेजे गए ड्राफ्ट पर संसद में विचार विमर्श कर के जल्द ये अधिनियम लागू करेंगे।अन्यथा कि दशा में अधिवक्ताओं द्वारा सरकार के विरुद्ध देश वा राज्यों में समय समय पर प्रदर्शन होता रहेगा। एस जेड ज़ैदी एडवोकेट सिविल कोर्ट जौनपुर



